हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,तालिबान को अफगानिस्तान पर कब्ज़ा किए एक साल से ज़्यादा समय हो गया है लेकिन अभी तक किसी भी देश ने तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी हैं।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का कहना है कि जब तक तालिबान महिलाओं के अधिकारों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान नहीं करती तब तक उनकी सरकार को मान्यता नहीं दी जाएगी।
रविवार को तालिबान के उप प्रवक्ता बिलाल करीमी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तालिबान सरकार पर लगे प्रतिबंध हटाने का आह्वान किया और कहा कि अगर प्रतिबंध और बहिष्कार जारी रहा तो तालिबान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच की खाई और चौड़ी हो जाएगी,
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार जारी है और यही वजह है कि कुछ दिन पहले अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के हज़ारा बहुल इलाके बारची में एक शैक्षणिक संस्थान के बाहर आत्मघाती हमला हुआ था जहां प्रवेश परीक्षाएं हो रही थीं और वहां 600 से अधिक छात्र थे।
और पिछले साल, तालिबान के सत्ता में आने से कुछ दिन पहले, उसी क्षेत्र के एक स्कूल के पास 3 बम विस्फोटों में 85 लोग मारे गए थे और 300 घायल हुए थें